बुधवार को भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर की पुण्यतिथि है। वीर सावरकर की पुण्यतिथि पर एक बार फिर शिवसेना के हिंदुत्व की परीक्षा होनी है। भाजपा ने वीर सावरकर की पुण्यतिथि जोरशोर से मनाने का निश्चय किया है। वहीं, शिवसेना सरकार में रहते हुए कांग्रेस की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहेगी, इसलिए शिवसेना का रुख स्पष्ट नहीं है। इस दौरान भाजपा नेता शिवसेना पर नजर रखेंगे।
महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार आने के बाद सावरकर के अपमान का सिलसिला जारी है। शिवसेना हमेशा वीर सावरकर को स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर पेश करती रही है जबकि कांग्रेस उनका अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ती। हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस की मासिक पत्रिका ‘शिदोरी’ में सावरकर को लेकर आपत्तिजनक लेख छापे गए थे। इनमें सावरकर का चरित्रहनन किया गया। जिसका भाजपा ने विरोध किया था, लेकिन शिवसेना ने इसको ज्यादा तूल नहीं दिया था।
महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी सरकार आने के बाद सावरकर के अपमान का सिलसिला जारी है। शिवसेना हमेशा वीर सावरकर को स्वतंत्रता सेनानी के तौर पर पेश करती रही है जबकि कांग्रेस उनका अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ती। हाल ही में महाराष्ट्र कांग्रेस की मासिक पत्रिका ‘शिदोरी’ में सावरकर को लेकर आपत्तिजनक लेख छापे गए थे। इनमें सावरकर का चरित्रहनन किया गया। जिसका भाजपा ने विरोध किया था, लेकिन शिवसेना ने इसको ज्यादा तूल नहीं दिया था।
आज दिखेगा वीर सावरकर के प्रति शिवसेना का प्रेम : पाटिल
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मंगलवार को कहा कि हम पूरे प्रदेश में वीर सावरकर की पुण्यतिथि मनाएंगे। लेकिन, शिवसेना के सावरकर प्रेम को भी परखेंगे। हम चाहते हैं कि शिवसेना की ओर से विधानसभा में वीर सावरकर गौरव प्रस्ताव आए। जब उनसे पूछा गया कि भाजपा की सरकार रहते हुए सावरकर गौरव प्रस्ताव क्यों नहीं लाया गया तो पाटिल ने कहा कि उस समय किसी में सावरकर का अपमान करने की हिम्मत नहीं थी। इसलिए इसकी जरूरत नहीं पड़ी। शिवसेना का सावरकर के प्रति कितना सम्मान है या फिर सम्मान के नाम पर ढोंग करती है। यह जनता के सामने आएगा।